गोखरू के फायदे एवं नुकसान - Health Benefits of Gokhru (Gokshura) - Ayurveda Idea

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गोखरू के फायदे एवं नुकसान - Health Benefits of Gokhru (Gokshura)

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गोखरू के फायदे एवं नुकसान - Health Benefits of Gokhru (Gokshura)


परिचय

गोखरू क्या है?

गोखरू (Gokshura) का इस्तेमाल औषधी के तौर पर किया जाता है जिसे छोटागोखरु भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल खासतौर पर वात, पित्त और कफ के उपचार में किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस (Tribulus Terrestris) है जिसे अंग्रेजी में गोक्षुर भी कहा जाता है। यह जीगोफिलसी परिवार से संबधित है। मूल रूप से यह औषधी भारत में उत्पन्न हुई है,यह मानी जाती है। व्यापक रूप से भारत और अफ्रीका के साथ-साथ, एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप के कुछ हिस्सों में भी इसे पाया जाता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ होम साइंस के अनुसार ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस के विभिन्न भागों में कई रासायनिक घटक होते हैं जिनमें क्यूरेटिव और पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसकी पत्तियों में कैल्शियम कार्बोनेट, आयरन, प्रोटीन आदि होते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। गोक्षुरा पौधे के बीज में फैट और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है और इसके फल में ओलिक एसिड, स्टीयरिक एसिड और ग्लूकोज की अच्छी मात्रा पाई जाती है।

यह पौधा कई शारीरिक बीमारियों के साथ ही स्‍किन और बालों की सेहत के लिए भी काफी लाभकारी माना जा सकता है। गोखरू का पौधा छोटा होता है। जिसमें पीले रंग के फूल लगते हैं। इसके फल हरे रंग के होते हैं। इस पौधे के फूल, फल, बीज, टहनियां, पत्तियों के साथ-साथ इसकी जड़ का भी इस्तेमाल औषधी बनाने के लिए किया जा सकता है। गोक्षुर एक संस्कृत नाम है और इसका अर्थ है “गाय का खुर”। इसके फल में ऊपर की सतह पर छोटे-छोटे कांटें होते हैं, जिसकी वजह से इसे यह नाम दिया गया होगा। यह पौधा शुष्क जलवायु में उगाया जा सकता है। इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल भारतीय आयुर्वेद के साथ-साथ पारंपरिक चीनी चिकित्सा में भी किया जाता है। इसके फल में मूत्रवर्धक, यौन प्रदर्शन सुधारने और एंटी-ऑक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा इस औषधी के जड़ों का इस्तेमाल अस्थमा, खांसी, एनीमिया और आंतरिक सूजन के उपचार में किया जा सकता है। साथ ही, इस पौधे की राख का उपयोग गठिया के उपचार में भी लाभकारी पाया जा सकता है।

गोखरू के फायदे

उच्च औषधीय गुणों के कारण गोखरू का उपयोग निम्नलिखित शारीरिक समस्याओं के उपचार में किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैंः

स्वस्थ शरीर के लिए

अपने औषधिय गुणों के कारण यह स्टेरॉइड का प्राकृतिक विकल्प हो सकता है। जिसके गुण मांसपेशियों की ताकत को बढ़ा सकते हैं और शरीर की संरचना में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकारों को दूर करने के लिए

गोक्षुरा में सैपोनिन की मात्रा होती है जिससे इसमें एंटी-डिप्रेसेंट और एंग्जियोलाइटिक गुण होते हैं। जो चिंता और अवसाद को दूर करने में लाभकारी हो सकते हैं।

दिल के स्वास्थ्य को बनाए बेहतर

गोक्षुरा में एंटीऑक्सिडेंट की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो इसके कार्डियोप्रोटेक्टिव कार्यों को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। यह ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के बढ़े हुए लेवल को कम करके उसे कंट्रोल करने में मदद कर सकता है और एथेरोस्क्लेरोसिस और अन्य हृदय स्थितियों की रोकथाम में भी मदद कर सकता है।

किडनी से जुड़ी समस्याओं को करे दूर

गोखरू के सेवन से किडनी स्टोन को खत्म किया जा सकता है। इस पौधो का इस्तेमाल यूरीन रिटेंशन और बुखार के उपचार के लिए भी किया जा सकता है।

एक्‍जिमा में लाभकारी

एक्‍जिमा की समस्या चेहरे की खूबसूरती में सबसे बड़ी बाधा बन सकती है। इसके कारण स्किन पर खुजली की भी समस्या हो सकती है। एक्जिमा एक इंफ्लेमेटरी स्किन प्राब्लम होती है। गोखरू के फल में जो एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होता है, वह एक्जिमा के उपचार में मदद कर सकता है।

यूटीआई का उपचार करे

हर आठ में दश महिलाएं यूरिनरी ट्रैक इंफेक्‍शन (मूत्र पथ के संक्रमण) की समस्या से गुजरती हैं। इसके अलावा रिसर्च के मुताबिक हर महिला अपने पूरे जीवन काल में एक बार यूटीआई का उपचार कराती है। गोखरू में मौजूद तत्‍व यूटीआई की समस्‍या को ठीक कर सकते हैं।

पीसीओडी का उपचार करे

महिलाओं में पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम) की समस्या भी काफी आम मानी जाती है। जिसका सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल हो सकती है। जो भविष्य में बांझपन का सबसे बड़ा कारण भी बन सकता है। इसकी समस्या होने पर गोखरू का इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही, यह मासिक धर्म के दौरान होने वाले पेट में ऐंठन से भी राहत दिला सकता है और मेनोपॉज के लक्षणों को भी कम कर सकता है।

यौन समस्याओं को करे दूर

इसकी मदद से यौन इच्छा में आ रही कमी को भी दूर किया जा सकता है। इसके अलावा, इसके सेवन से पुरुषों में यौन हार्मोन का उत्पादन भी बढ़ाया जा सकता है। यह पुरुषों में टेस्‍टोस्‍टेरोन प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले हार्मोन का लेवल बढ़ाने में काफी कारगर पाया जाता है।

डायबिटीज के लिए भी फायदेमंद

गोखरू के सेवन से ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखा जा सकता है जो डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद करता है।

गोखरू कैसे काम करता है?

100 ग्राम गोखरू पावडर में निम्न पौष्टिक तत्वों की मात्रा पाई जाती हैः

  • एनर्जी – 73.48 kcal
  • कॉर्बोहाईड्रेडट – 15.9 g
  • प्रोटीन – 1.3 g
  • फैट – 0.25 g
  • फ्लैवोनोइड -19.92
  • विटामिन्स – विटामिन सी – 14.2 mg
  • मिनरल्स- कैल्सियम- 59 mg

उपयोग

गोखरू का उपयोग करना कितना सुरक्षित है?

गोखरू को एक देशी इलाज के तौर पर पहचाना जाता है। हालांकि, इसका सेवन हमेशा अपने डॉक्टर के निर्देश पर ही करना चाहिए। कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में चिकित्सक इसके साथ अन्य जड़ी-बूटियों, जैसे अश्वगंधा का भी मिश्रण कर सकते है, जो इसके गुण को बढ़ाने के साथ ही इसके स्वाद को भी बेहतर बना सकते हैं। हालांकि, इसके ओवरडोज की मात्रा से बचना चाहिए। हमेशा उतनी ही खुराक का सेवन करें, जितना आपके डॉक्टर द्वारा निर्देशित किया गया हो।

साइड इफेक्ट्स

गोखरू से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

अधिकांश अध्ययनों से पता चला है कि गोक्षुर का सेवन करना पूरी तरह से सुरक्षित हो सकता है। इससे किसी तरह के गंभीर दुष्प्रभाव के मामले बहुत ही दुर्लभ हो सकते हैं। हालांकि, इसके अधिक सेवन से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैंः

  • पेट खराब होना
  • पुरुषों में प्रोस्टेट का आकार बढ़ जाना
  • पेट में जलन की समस्या होना
  • त्वचा पर लाल चकत्ते जैसे एलर्जी की समस्या होना।

हर किसी को ऐसे साइड इफेक्ट हो ऐसा जरूरी नहीं है, यानि कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं, जो बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट हो रहा हे या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं, तो तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा ये जरूरी नहीं है कि हर किसी में एक जैसे ही साइफ इफेक्ट देखने को मिलें। हर किसी के शरीर के हिसाब से इसके रिएक्शन भी विभिन्न हो सकते हैं। इसके अलावा आप यदि इसका सेवनव कर रहें है, तो हमारी सलाहा

इसके अलावा, निम्न स्थितियों में भी आपको इसका सेवन करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए, जैसे-

प्रेग्नेंसी और स्तनपान के दौरान

यह गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है। यह भ्रूण के विकास में बाधा बन सकता है। वैसे तो गर्भवती महिलाओंच

को किसी भी चीज के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेने चाहिए। ऐसे अपने मन में किसी भी का सेवन उनके और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ऐसा होता है कि

डोसेज

गोखरू को लेने की सही खुराक क्या है?

गोखरू का इस्तेमाल आप विभिन्न रूपों में कर सकते हैं। इसकी मात्रा आपके स्वास्थ्य स्थिति, उम्र और लिंग के आधार पर आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जा सकती है।

उपलब्ध

यह किन रूपों में उपलब्ध है?

  • गोखरू का पाउडर
  • गोखरू का अर्क
  • गोखरू का काढ़ा

अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।







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